इतना ख़ामोश तो मत रहा कर , ख़ुद से कभी बात कर लिया कर ! ज़िन्दगी तो ग़मों का समन्दर है , ख़ुद को सफ़ीना बना लिया कर ! अपने तो अक्सर ग़ैर हो जाते हैं , ग़ैरों को ही गले लगा लिया कर ! मंज़िलों का क्या वो दूर रहती हैं , राहों को … Continue reading दिले-इल्तजा :
ज़िन्दगी की कशिश :
मेरी ख़ामोश सदायें तो बहुत दूर तक गयीं , उसे बेख़बर ही रहना था वो बेख़बर ही रहा ! जो मोतबर हुआ मेरे काँधे पे सफ़ीना रखकर , शोहरत के बाज़ार में दिल-आज़ार ही रहा । हवाओं में एक पैग़ाम था जो मुझे छूता रहा , एक साया मेरे ज़ेहन में बहुत देर तक रहा … Continue reading ज़िन्दगी की कशिश :
प्रकृति कहती है :
ये जीवन लगता जैसे हो लहरों का प्रत्यावर्तन , लहरों का उत्कर्षण ज्यों सुख-दुःख का आवर्तन , तट का संश्लेषण करता मर्यादाओं का निर्धारण , स्थित-प्रज्ञ सिंधु करता प्रखरता से ये उद्बोधन ! नदिया कहती प्रवाह ही है जीवन का चिर-तत्व , जल-धारा का आवेग मानो जिजीविषा का सत्व , पाषाणी उद्गम से निकला निश्छल … Continue reading प्रकृति कहती है :
दौरे-रहगुज़र :
जितने दिन उनके ग़म भुलाने में लगे , उतने बरस ये वक़्त गुज़ारने में लगे ! आँधियों का क्या वो आती-जाती रहीं , ज़माने खुशियों के ख़्वाब आने में लगे ! जिन गुलों को खिलाया लहू से अपने , चन्द लम्हे उनकी ख़ाक उड़ाने में लगे ! याद आयी जब नौबहार की बादे-सबा , तब … Continue reading दौरे-रहगुज़र :
ITC Regarding Construction For Renting Purposes :
The legal scenario of admissibility of input tax credit in case of construction of immovable property with the intention to sell it to the prospective buyers of the erstwhile VAT regime has been mutatis mutandis adopted in the present innovative GST regime . However with the ambit of sale been enlarged by the larger concept … Continue reading ITC Regarding Construction For Renting Purposes :
Certain Cases Where ITC Is Not Available In GST Regime :
Input Tax Credit is the pivot of Goods And Services Tax Structure . The Central Goods And Services Tax Act , 2017 ( here-in-after referred to as "the Act" ) spells our various provisions regarding availability and non-availability of Input Tax Credit ( here-in-after referred to as "ITC" ) . Similar provisions are embodied in … Continue reading Certain Cases Where ITC Is Not Available In GST Regime :
फ़ल्सफ़े :
जानने बूझने से अब यहाँ कुछ नहीं होता , आदमी ज़मीं की तरह बावफ़ा नहीं होता ! चाहे जितनी सावन की बरसातें ले आओ , गर्म रेत पर बूँदों का कोई निशाँ नहीं होता ! व्यर्थ है बस्ती उजाड़ने वालों को समझाना , ज़िंदा लाशों में सृजन का माद्दा नहीं होता ! जो दिन-रात डूबे … Continue reading फ़ल्सफ़े :
चुलबुली धूप :
धूप रोज़ आसमाँ से मेरे आँगन में उतर आती है , जाने कितनी ख़्वाहिशों की इबारत लिख जाती है ! जाने क्यूँ उसने मुझे अपना मसीहा बना लिया है , मेरे दरो-दीवार पे उल्फ़त के निशाँ छोड़ जाती है ! रोज़ देखता हूँ उसे पास आते और दूर जाते हुए , वो चुलबुली सी फिर … Continue reading चुलबुली धूप :
आवारा बादल :
बादलों का क्या ये तो बे-मौसम भी चले आते हैं , कभी बरसते हैं कभी बरसने का झाँसा दे जाते हैं ! इन्हें यक़ीं है कोई इनसे ज़िरह कभी नहीं करेगा , इसीलिए आँधियों के साये में बरबादी दे जाते हैं ! अपनी शौक़े-फ़ितरत में ये बेख़ौफ घूमते रहते हैं , अपने ज़ुल्मों-सितम से ये … Continue reading आवारा बादल :
अज़ीब दिलक़शी :
यूँ ही तन्हाई में हम दिल पे सितम करते हैं , तुझको लिखते हैं मगर उसको मिटा देते हैं ! ये तो सच है कि ज़िन्दगी दूर चली आयी हैं , फिर भी माज़ी को हम अब भी सदा देते हैं ! वो हवाएं तो अब गुलशन में नहीं आती हैं , फिर भी जज़्बातों … Continue reading अज़ीब दिलक़शी :