कभी वो उन घने  दरख़्तों के  अज़ीम  आशियाने थे ,
जिन्हें दफ़्न  करके ये  पत्थरों  का शहर  बसा होगा !
ये दरीचे , ये मकान , ये बला की इमारतें क्या जानें ,
इनकी ख़ातिर कितनी सिसकियों ने दम तोड़ा होगा !!

Leave a comment