मैं  बूँद-बूँद  तपिश और  बेचैनियों  की आस ,
मैं आँसुओं की चुभन और मिलन की सुवास !
मैं आरज़ुओं की कसक और ज़र्रा-ज़र्रा प्यास ,
मैं प्यार की कशिश और माज़ी की अरदास !
मैं चाहतों की ख़लिश और मंजिलों का हवास ,
मैं ज़ीस्त का समन्दर और लहरों का एहसास !
जी चाहे जितना  मेरा अब तू इम्तिहान ले ले ,
तू झुका न सकेगा मुझको ये है मेरा विश्वास !!

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