कभी वो उन घने दरख़्तों के अज़ीम आशियाने थे , जिन्हें दफ़्न करके ये पत्थरों का शहर बसा होगा ! ये दरीचे , ये मकान , ये बला की इमारतें क्या जानें , इनकी ख़ातिर कितनी सिसकियों ने दम तोड़ा होगा !! Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related Published by ykumar55 View all posts by ykumar55