फागुन की बयार उड़ाती मतवाले रंग होली के ,
ढोल , मृदंग संग पैजनियाँ गाती गीत होली के !
अल्हड़ युवतियाँ छेड़ें मधुरिम संगीत होली के ,
पिचकारियों से भीगती चूनर करें नृत्य होली के !
होठों की लालिमा गालों में भरती रंग होली के ,
मतवालों की चिरौरियाँ करती हुड़दंग होली के !
वासंती रंगों की बारिश करती गुणगान होली के ,
साँवले साँवरिया भी लगें गुलाबी लाल होली के !
नखरीली सरसों अलसी से करे उपहास होली के ,
गेंहूँ की मनोरम बालें सुनायें मधुर गान होली के !
खेत और खलिहान बिखेरें यौवन-रंग होली के ,
समूची प्रकृति स्पंदित हो करे मनुहार होली के !